संयुक्त राज्य अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव-2016 : ज्योतिषीय विश्लेषण
कौन बनेगा अमेरिका का राष्ट्रपति?
Published in Jyotish Sagar October, 2016 Issue on 20th September, 2016
8 नवम्बर, 2016 को होने वाले आम चुनाव के लिए अमेरिका में बिसात बिछ
चुकी है। मुख्य मुकाबला डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन और रिपब्लिकन
उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के बीच है।हिलेरी क्लिंटन की जन्मपत्रिका में कई राजयोगों का निर्माण हो रहा है। योगकारक शनि का कर्मेश चन्द्रमा से राशि परिवर्तन सम्बन्ध है, वहीं दशम भाव में शनि-मंगल की युति दूसरे राजयोग का निर्माण कर रही है। मंगल यद्यपि नीच राशिस्थ है, परन्तु उसका नीचभंग हो रहा है। द्वितीयेश-सप्तमेश कर्मभावस्थ मंगल का दृष्टि प्रभाव भाग्येश बुध एवं लग्नेश शुक्र पर है, जो कि एक अन्य राजयोग का निर्माण करता है। लग्न में बुध-शुक्र की युति भी श्रेष्ठ राजयोग का निर्माण कर रही है। एकादशेश सूर्य के साथ भाग्येश बुध की लग्न में युति श्रेष्ठ बुधादित्य योग का निर्माण करती है। सर्वाष्टक वर्ग में नवम से एकादश भाव में बढ़ती हुई शुभ रेखाएँ हैं, वहीं दशम एवं एकादश भाव क्रमशः 40 एवं 44 शुभ रेखाएँ प्राप्त कर सर्वाधिक बली हैं। इस प्रकार हिलेरी की जन्मपत्रिका में पर्याप्त राजयोग विद्यमान हैं।
हिलेरी की नवांश कुण्डली में नवांश भाग्येश शनि की कर्म भाव में स्थिति है और उस पर नवांश कर्मेश गुरु का दृष्टि प्रभाव है, जो कि राजयोग का निर्माण कर रहा है। लग्न में नवांश लग्नेश बुध चन्द्रमा के साथ स्थित है तथा सूर्य से द्रष्ट है। दशमांश में भी कर्म दशमांशेश मंगल योगकारक होकर तृतीय भाव में भाग्य दशमांशेश गुरु के साथ युति सम्बन्ध बनाकर राजयोग का निर्माण कर रहा है और दोनों की भाग्य भाव पर पूर्णदृष्टि है, वहीं सप्तम दशमांशेश शनि का योगकारक मंगल के साथ परस्पर दृष्टि सम्बन्ध है। इस प्रकार वर्ग कुण्डलियों में भी अनुकूल स्थिति है।
हिलेरी क्लिंटन
जन्म दिनांक : 26 अक्टू., 1947
जन्म समय : 08ः02 बजे
जन्म स्थान : शिकागो (संयुक्त राज्य अमेरिका)
हिलेरी वर्तमान में एकादशेश सूर्य की महादशा में राहु की अन्तर्दशा के प्रभाव में हैं। राहु अष्टम भाव में कृत्तिका नक्षत्र में स्थित है। जून, 2016 तक राहु की प्रत्यन्तर्दशा थी, जो कि बाधाकारक थी। अन्त तक उनकी उम्मीदवारी को लेकर उतार-चढ़ाव आते रहे। 17 जुलाई के बाद जैसे ही शनि की प्रत्यन्तर्दशा आयी, वैसे ही उन्हें आधिकारिक तौर पर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार घोषित किया गया। 7 सितम्बर के बाद बुध की प्रत्यन्तर्दशा है। बुध की यह दशा भी उनके लिए अनुकूल फलदायक है। इसमें उनके पक्ष में माहौल बनेगा। 24 अक्टूबर के बाद केतु की प्रत्यन्तर्दशा रहेगी। जन्मपत्रिका में केतु द्वितीय भाव में स्थित है और उपलब्धिकारक बन रहा है। केतु का नक्षत्रेश गुरु भी द्वितीय भावस्थ है, वहीं उपनक्षत्रेश चन्द्रमा पंचम भाव में स्थित होकर एकादश भाव पर दृष्टि डाल रहा है तथा शनि के साथ राशि परिवर्तन कर राजयोग का निर्माण कर रहा है। इसी केतु की प्रत्यन्तर्दशा में ही आम चुनाव होंगे। इसलिए दशाओं की दृष्टि से हिलेरी क्लिंटन की स्थिति अनुकूल दिखाई दे रही है।
डोनाल्ड ट्रम्प
जन्म दिनांक : 14 जून, 1946
जन्म समय : 10ः54 बजे
जन्म स्थान : जमैका, न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका)
जहाँ तक डोनाल्ड ट्रम्प का प्रश्न है, तो उनकी जन्मपत्रिका में लग्नेश सूर्य दशम भाव में राहु के साथ युत है। लग्न में चतुर्थेश-भाग्येश मंगल योगकारक होकर स्थित है, परन्तु उसका परस्पर सम्बन्ध किसी अन्य ग्रह से नहीं हो रहा है। सर्वाष्टक वर्ग में भाग्य भाव में 30 रेखाएँ, दशम भाव में 34 रेखाएँ और एकादश भाव में 30 रेखाएँ हैं, जो कि औसत स्थिति का ही प्रमाण दे रही हैं।
जहाँ तक नवांश का प्रश्न है, तो नवांश लग्नेश बुध का नवांश कर्मेश गुरु के साथ परस्पर दृष्टि सम्बन्ध है। दशमांश में भी लग्न दशमांशेश शुक्र षष्ठ भाव में उच्च राशि में है और चतुर्थ-पंचम दशमांशेश शनि के साथ युत है। नवांश एवं दशमांश दोनों में सूर्य-राहु तथा चन्द्रमा-केतु की युति है। इस प्रकार वर्ग कुण्डलियों में उनकी मध्यम स्थिति है।
जहाँ तक दशाओं का प्रश्न है, तो डोनाल्ड वर्तमान में राहु की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा के प्रभाव में हैं। जन्मपत्रिका में अन्तर्दशानाथ मंगल चतुर्थेश-भाग्येश होकर लग्नस्थ है तथा केतु के नक्षत्र में स्थित है और केतु चतुर्थ भाव में चन्द्रमा के साथ युत है। ट्रम्प 25 सितम्बर तक शुक्र की प्रत्यन्तर्दशा के प्रभाव में हैं। शुक्र तृतीयेश-कर्मेश होकर द्वादश भाव में गुरु के नक्षत्र में स्थित है और गुरु द्वितीय भावस्थ है। नक्षत्रेश की अनुकूल स्थिति के चलते कुछ हद तक यह दशा उनके लिए लादायक रहनी चाहिए। 25 सितम्बर से 14 अक्टूबर तक वे सूर्य की प्रत्यन्तर्दशा के प्रभाव में रहेंगे। सूर्य जन्मपत्रिका में राहु के साथ दशम भाव में सन्धिगत स्थिति में है तथा उसका नक्षत्रेश मंगल है, जो कि लग्नस्थ है। इस प्रकार सूर्य की प्रत्यन्तर्दशा बहुत अधिक अनुकूल नहीं रहनी चाहिए। 14 अक्टूबर के बाद 15 नवम्बर तक चन्द्रमा की प्रत्यन्तर्दशा रहेगी, चन्द्रमा द्वादशेश होकर चतुर्थ भाव में केतु के साथ अंशात्मक युति बनाते हुए बुध के नक्षत्र में स्थित है। बुध एकादश भाव में हैं, जो कि अन्तिम समय में उनकी स्थिति को कुछ हद तक ठीक करेगा।
हिलेरी क्लिंटन एवं डोनाल्ड ट्रम्प दोनों की कुण्डलियों का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकलता है कि 14 अक्टूबर तक हिलेरी क्लिंटन आगे रहेंगी, उसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प की स्थिति में भी कुछ हद तक सुधार होगा और वे अच्छी टक्कर दे पाने में समर्थ होंगे। कुण्डली एवं दशाओं के आधार पर हिलेरी क्लिंटन की स्थिति मजबूत लग रही है और सम्भव है कि वे अमेरिका के इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में व्हाइट हाउस को सुशोभित करें।
http://jyotishsagar.net/donald-trump-vs-hillary-clinton-who-will-be-the-next-president-of-usa/
No comments:
Post a Comment