Horoscope Of Andy Murray
एंडी मरे नए खिलाड़ी नहीं हैं। वे सन् 2005 से प्रोफेशनल टेनिस प्लेयर हैं और अगले ही वर्ष वे ब्रिटेन के शीर्ष वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी बन गए। सन् 2007 में विश्व की टेनिस वरीयता सूची में प्रथम 10 खिलाडि़यों में आ गए सन् 2012 में उन्होंने पहला ग्रेंडस्लेम यूएस ओपन जीता और उसी वर्ष उन्होंने ओलम्पिक का गोल्ड मेडल भी जीता। सन् 2013 भी उनके लिए अच्छा रहा। उस वर्ष उन्होंने दूसरा ग्रेंडस्लेम विम्बलडन जीता। उनके कॅरिअर का 11वॉं वर्ष उनके लिए स्वर्णिम वर्ष रहा है।
स्कॉटलेंड खिलाड़ी एंडी मरे का जन्म सिंह लग्न एवं तुला नवांश में 15 मई, 1987 को ग्लासगो में हुआ था। सितम्बर, 2015 से वे शुक्र महादशा में केतु की अन्तर्दशा के प्रभाव में हैं। अन्तर्दशानाथ केतु द्वितीय भाव में स्थित होकर उपलब्धिकारक समय का संकेत कर रहा है। वर्तमान में बुध की प्रत्यन्तर्दशा है। बुध स्वयं द्वितीयेश एवं एकादशेश होकर दशम भाव में स्थित है और उपलब्धिकारक है।
एंडी मरे : शीर्ष वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी
7 नवम्बर, 2016 को एंडी मरे प्रोफेशनल टेनिस में विश्व के नम्बर एक खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने सन् 2011 से पहली वरीयता पर स्थापित नोवक जोकोविच को पीछे छोड़कर यह उपलब्धि अर्जित की है। स् कॉटलेंड के एंडी मरे के लिए यह वर्ष अत्यन्त शुभफलदायक रहा है। इसी वर्ष उन्होंने विम्बलडन चैपिंयन शिप जीती, ओलम्पिक गोल्ड मेडल जीता और अब नम्बर वन खिलाड़ी बन गए हैं। आइए, एंडी मरे की जन्मपत्रिका के अनुसार देखते हैं कि उनके लिए यह वर्ष इतना भाग्यशाली क्यों है।एंडी मरे नए खिलाड़ी नहीं हैं। वे सन् 2005 से प्रोफेशनल टेनिस प्लेयर हैं और अगले ही वर्ष वे ब्रिटेन के शीर्ष वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी बन गए। सन् 2007 में विश्व की टेनिस वरीयता सूची में प्रथम 10 खिलाडि़यों में आ गए सन् 2012 में उन्होंने पहला ग्रेंडस्लेम यूएस ओपन जीता और उसी वर्ष उन्होंने ओलम्पिक का गोल्ड मेडल भी जीता। सन् 2013 भी उनके लिए अच्छा रहा। उस वर्ष उन्होंने दूसरा ग्रेंडस्लेम विम्बलडन जीता। उनके कॅरिअर का 11वॉं वर्ष उनके लिए स्वर्णिम वर्ष रहा है।
स्कॉटलेंड खिलाड़ी एंडी मरे का जन्म सिंह लग्न एवं तुला नवांश में 15 मई, 1987 को ग्लासगो में हुआ था। सितम्बर, 2015 से वे शुक्र महादशा में केतु की अन्तर्दशा के प्रभाव में हैं। अन्तर्दशानाथ केतु द्वितीय भाव में स्थित होकर उपलब्धिकारक समय का संकेत कर रहा है। वर्तमान में बुध की प्रत्यन्तर्दशा है। बुध स्वयं द्वितीयेश एवं एकादशेश होकर दशम भाव में स्थित है और उपलब्धिकारक है।
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