अंग्रेजी भाषा में पौराणिक आख्यानों के लिए माइथोलॉजी शब्द का प्रयोग किया जाता है। यह शब्द पौराणिक आख्यानों के लिए उपयुक्त शब्द नहीं है। डॉ. कपिल तिवारी ने अपने एक आलेख में भी इसे उपयुक्त शब्द नहीं माना है। उनका कहना है कि माइथोलॉजी कहने से हमें अपनी सभ्यता एवं संस्कृति की सच्ची घटनाएं भी किस्से, कहानियों एवं किवदंतियों सी प्रतीत होती हैं, जबकि ऐसा नहीं है।
वस्तुतः पुराणों के पात्र एवं घटनाएं मिथक नहीं हैं, वे वास्तविक हैं। वे भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के वास्तविक इतिहास की घटनाएं हैं। इन्हें माइथोलॉजी कहना उपयुक्त नहीं होगा, कम से कम भारतीयों को तो अंग्रेजी भाषा में इसे माइथोलॉजी के स्थान पर पौरोणिक हिस्ट्री शब्द का प्रयोग किया जा सकता है।
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